5G Spectrum क्या है। 5G Spectrum नीलामी। 5G की पूरी जानकारी

5G Spectrum क्या है?: टेलीकॉम कंपिनयां काफी लम्बे समय से 5G Spectrum की नीलामी की मंजूरी की मांग कर रहीं थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली केंद्रीय कैबिनेट ने 5G Spectrum की नीलामी की मंजूरी दे दी है। 5G Spectrum की नीलामी 26 जुलाई से शुरू हो रही है। जिसमें टेलीकॉम कंपनियां रिलायंस जिओ, भारती एयरटेल, वोडाफोन और आईडिया और अदाणी डाटा ने सात दिनों की नीलामी में 40 चरणों में बोली लगाई।

सरकार ने 5G स्पेक्ट्रम की योजना बनाई है। इस योजना की नीलामी 20 वर्षों के लिए होगी। इसमें Low Frequency 400 MHz, 600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz और 2500 MHz Medium Frequency 3300 MHz और High Frequency 2600 GHz की फ्रिक्वेंसी बैंड के स्पेक्ट्रम नीलामी होगी। नीलामी के लिए 5G स्पेक्ट्रम की कीमत 5 लाख करोड़ रूपए रखी गई थी।

लेकिन सरकार को इसके लिए 4.3 लाख करोड़ रुपये का सहयोग करना पड़ा है। 5G Spectrum को जल्द जल्द से लाने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला किया है। हालाँकि आगे कि पोस्ट में इस बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे लेकिन इससे पहले 5G Spectrum क्या है इसके बारे में जान लेते हैं।

5G Spectrum क्या है – What is 5G Spectrum in hindi ?

5G Spectrum एक तरह की मोबाइल नेटवर्क टेक्नोलॉजी है जिसे 2G, 3G, 4G मोबाइल नेटवर्क के बाद भारत में पहली बार लाया जा रहा है यह टेक्नोलॉजी radio waves frequency के तहत cellular data को यूजर तक पहुंचाने का काम करती है। विश्व में अब तक जितने भी 5G नेटवर्क को लाया गया है वे सभी सभी LTE नेटवर्क का इस्तेमाल कर 6GHZ रेंज के साथ 5G स्पीड को यूजर तक पहुंचते हैं। इसके अलावा low frequency वाले बैंड्स को कम जनसंख्या वाले क्षेत्र में डेटा को ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

5G स्पेक्ट्रम को तीन बैंडों में संचालित किया जाता है। जिसमें तीन बैंड इस प्रकार हैं। पहला बैंड ( निम्न – Low), दूसरा बैंड ( मध्य Mid ) और तीसरा बैंड ( उच्च High ) में विभाजित आवृत्तियों की एक श्रंखला शामिल होती है। तीनों बैंडों की अलग-अलग क्षमताएं होती हैं। जो Low बैंड होता है उसमें अधिक कवरेज होता है। और उसकी गति भी कम होती है। जबकि जो Mid बैंड होता है वह दोनों का संतुलन प्रदान करता है। अर्थात कवरेज और गति दोनों का संतुलन प्रदान करता है। और तीसरा जो High बैंड होता है उसमें उच्च गति होती है लेकिन छोटे कवरेज त्रिज्या को प्रदान करता है।

5G Spectrum की नीलामी कैसे होती है?

सरकार ने 5G स्पेक्ट्रम की योजना बनाई है। इसे लांच करने के लिए सरकार इस योजना को कुछ टेलीकॉम कंपनियों को नीलाम करती है जिसे खरीदने के लिए टेलीकॉम कंपनियां रिलायंस जिओ, भारती एयरटेल, वोडाफोन और आईडिया और अदाणी डाटा ने सात दिनों की नीलामी में 40 चरणों में बोली लगाई गई। इसकी नीलामी 26 जुलाई से शुरू सात दिनों के लिए की गई है।

5G Spectrum के लिए रिकॉर्ड 1,50,173 करोड़ रूपए की बोली लगी है। 5G स्पेक्ट्रम के लिए सरकार को 1.5 लाख करोड़ से अधिक रूपए मिलेंगे। इस बोली में सर्वाधिक जो बोली लगाई गई थी वह अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस जिओ ने सबसे ज्यादा 88,078 करोड़ रूपए की बोली लगाई। उसे 24,740 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम का आवंटन होगा।

भारती एयरटेल ने 19,867 मेगाहर्ट्ज एयरवेव के लिए बोली लगाई और इस पर 43,084 करोड़ रूपए खर्च किए हैं। वोडाफोन और आईडिया ने 2,668 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए 18,799 करोड़ रूपए की बोली लगाई। और अदाणी डाटा ने 400 मेगाहर्ट्ज के लिए बोली लगाई थी। जो केवल 212 करोड़ रूपए था।

दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा

दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पहले साल में सरकार को स्पेक्ट्रम के लिए 13,365 करोड़ रूपए मिलेंगे। दस अगस्त तक इनका आवंटन हो सकता है। अश्विनी वैष्णव ने कहा 5G स्पेक्ट्रम की सेवाएं इसी साल अक्टूबर तक शुरू हो सकती है। 10 बैंड्स में 72,098 मेगाहर्ट्ज का स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए रखा गया था। इसमें से 51,236 मेगाहर्ट्ज या 71 फीसदी के लिए कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई। देश के सभी 22 सर्कल के लिए इसमें स्पेक्ट्रम रखे गए थे।

अदाणी ने लगाई सबसे कम बोली

इस साल 4.3 लाख करोड़ रूपए के लिए 72 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम जारी किया गया था। बोली लगाने वाली कंपनियों में अदाणी डाटा नेटवर्क्स भी शामिल थी। टेलीकॉम कंपनियों में सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी अदाणी डाटा थी जिसने 400 मेगाहर्ट्ज के लिए 212 करोड़ रूपए खर्च किए थे।

पिछली बार मुकेश अम्बानी की रिलायंस जिओ ने 57,122 करोड़ रूपए खच किये थे। जबकि भारती एयरटेल ने 18,699 करोड़ रूपए की बोली लगाई थी और वोडाफोन और आईडिया ने 1993 करोड़ रूपए की बोली लगाई थी।

3G की तुलना में 5G में तीन गुना ज्यादा रूपए मिले सरकार को

साल 2015 में जब स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई थी तब1,13,932 करोड़ रूपए मिले थे। जबकि, पिछली साल 4G स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई थी तब 77,815 करोड़ रूपए की तुलना में यह दोगुनी रकम है। जबकि 2010 में 3G स्पेक्ट्रम के मुकाबले इस बार सरकार को तीन गुना ज्यादा रकम मिली है।

5G Spectrum FAQs

5G Spectrum की बोली कब शुरू हुई थी?

5G स्पेक्ट्रम की बोली 26 जुलाई 2022 से शुरू सात दिनों की नीलामी में कंपनियों ने 40 चरणों में बोली लगाई।

5G Spectrum की नीलामी कितने साल के लिए की जाती है?

5G स्पेक्ट्रम की नीलामी 20 साल के लिए की गई है।

5G सेवाएं कब से शुरू हो सकती है?

5G सेवाएं इसी साल अक्टूबर तक शुरू हो सकती हैं।

5G Spectrum की नीलामी में कितने रूपए की बोली लगाई गई थी?

5G स्पेक्ट्रम के लिए रिकॉर्ड 1,50,173 करोड़ रूपए की बोली लगाई गई थी।

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निष्कर्ष :- (Conclusion )

दोस्तों मुझे उम्मीद है कि आपको 5G स्पेक्ट्रम क्या हैं? और उसकी नीलामी कैसे होती है? और यह 5G योजना कब तक शुरू होने वाली है इसकी पूरी जानकारी इस लेख में दी गई है। उम्मीद करता हूँ आपको यह लेख पसंद आया होगा। अगर 5G स्पेक्ट्रम से रिलेटेड कोई प्रश्न हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। हम आपको जल्द ही उत्तर देंगे। ऐसे ही और भी पोस्ट पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट AAHUTECH.COM को सब्सक्राइब जरूर करें। पूरा लेख पढ़ने के लिए दिल से शुक्रिया

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